छत्तीसगढ़ कांग्रेस संगठन सृजन उदयपुर घोषणा के अनुरूप होगा – दीपक बैज

रायपुर/ तरुण खटकर 27 अगस्त 2025 । भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने उदयपुर चिंतन शिविर में कई महत्वपूर्ण संगठनात्मक संकल्प लिए हैं, जिनका उद्देश्य पार्टी को और अधिक समावेशी, युवा-उन्मुख और प्रभावी बनाना है। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि उदयपुर के संकल्पों को पारित करना अनिवार्य है और छत्तीसगढ़ कांग्रेस के संगठन सृजन मे बुथ, मंडल, ब्लाक, जिला और प्रदेश के संगठनात्मक संरचना को इन संकल्पों के अनुरूप ढालेगे, ताकि राज्य में पार्टी की पकड़ मजबूत हो और वह सभी वर्गों का न्यायसंगत प्रतिनिधित्व कर सके।
उन्होंने कहा संगठन का सृजन.. संगठन सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है ।
क्या है उदयपुर घोषणा के प्रमुख बिंदु
*महिलाओं के लिए संगठनात्मक पदों पर 33% आरक्षण सुनिश्चित करना है।*
छत्तीसगढ़ कांग्रेस के लिए यह एक सुनहरा अवसर है कि वह पार्टी के भीतर महिला नेताओं को आगे लाए और उन्हें निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल करे। इससे न केवल महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि पार्टी को महिलाओं से जुड़े मुद्दों को बेहतर ढंग से समझने और उठाने में भी मदद मिलेगी। जमीनी स्तर पर काम करने वाली और सामाजिक पकड़ रखने वाली महिला कार्यकर्ताओं को उचित प्रतिनिधित्व मिलने से पार्टी की पहुंच और प्रभाव में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
*50% पदाधिकारी 50 वर्ष से कम आयु के: युवा नेतृत्व को बढ़ावा*
पार्टी को भविष्य के लिए तैयार करने और नई ऊर्जा का संचार करने हेतु 50% संगठनात्मक पदों पर 50 वर्ष से कम आयु के पदाधिकारियों की नियुक्ति का संकल्प लिया गया है।
छत्तीसगढ़ में युवा आबादी का एक बड़ा हिस्सा है और उन्हें पार्टी में सक्रिय भूमिका देने से उनकी आकांक्षाओं और विचारों को मंच मिलेगा। युवा नेताओं को आगे लाने से पार्टी में नई रणनीतियाँ और कार्यप्रणाली विकसित होंगी, जो बदलते समय के साथ अधिक प्रासंगिक होंगी। यह युवा पीढ़ी को कांग्रेस से जोड़ने का एक प्रभावी तरीका भी है।
*एक व्यक्ति एक पद और एक परिवार एक पद: पारदर्शिता और अवसर की समानता*
एक व्यक्ति एक पद और एक परिवार एक पद के सिद्धांत संगठनात्मक पारदर्शिता और अवसर की समानता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। छत्तीसगढ़ कांग्रेस में इन सिद्धांतों को लागू करने से यह सुनिश्चित होगा कि सभी योग्य कार्यकर्ताओं को नेतृत्व के पदों पर आने का मौका मिले और सत्ता का केंद्रीकरण न हो। यह पार्टी के भीतर गुटबाजी को कम करने और अधिक निष्पक्ष वातावरण बनाने में मदद करेगा, जहाँ मेहनत और समर्पण को प्राथमिकता दी जाए।
*दलित, आदिवासी, पिछड़ा, अल्पसंख्यक: न्यायसंगत और निष्पक्ष प्रतिनिधित्व*
छत्तीसगढ़ की 90% आबादी दलित, आदिवासी, पिछड़ा और अल्पसंख्यकों से बनी है। उदयपुर घोषणा में इस बात पर विशेष जोर दिया गया है कि इन वर्गों के लंबे समय से पार्टी में कार्यरत निष्ठावान, सामाजिक पकड़ रखने वाले और अनुभवी कार्यकर्ताओं को न्यायसंगत और निष्पक्ष प्रतिनिधित्व मिले।
छत्तीसगढ़ कांग्रेस के लिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि वह इन वर्गों के अनुभवी नेताओं को पार्टी की विभिन्न इकाइयों और समितियों में पर्याप्त स्थान दे। इससे न केवल इन समुदायों का विश्वास पार्टी के प्रति बढ़ेगा, बल्कि उनकी समस्याओं और जरूरतों को भी प्रभावी ढंग से उठाया जा सकेगा। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि प्रतिनिधित्व केवल प्रतीकात्मक न हो, बल्कि उन्हें वास्तविक निर्णय लेने की शक्ति भी दी जाए।
छत्तीसगढ़ कांग्रेस के लिए उदयपुर घोषणा के संकल्पों को आत्मसात करना केवल एक संगठनात्मक परिवर्तन नहीं, बल्कि राज्य की राजनीतिक और सामाजिक वास्तविकताओं के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने का एक अवसर है। इन संकल्पों को ईमानदारी से लागू करने से पार्टी अधिक समावेशी, युवा और सशक्त बनेगी, जो अंततः राज्य में उसकी राजनीतिक पकड़ को मजबूत करेगी और सभी वर्गों को साथ लेकर चलने में सक्षम होगी और जनता का विश्वास जीत कर सरकार बनाएगी।

संपादक सिद्धार्थ न्यूज़
