December 5, 2025

सच्ची आज़ादी दूसरों के विचारों, भावनाओं और अधिकारों का सम्मान करने में निहित है- सोशल एक्टिविस्ट तरुण खटकर।

IMG-20250823-WA0020

।। सोशल एक्टिविस्ट तरुण खटकर की कलम से।।

क्या आज़ादी की कोई सीमा नहीं होती? क्या हम वह सब कर सकते हैं जो हमारा मन करे, भले ही उससे दूसरों को नुकसान पहुँचे?

इसका सीधा और स्पष्ट उत्तर है: नहीं, आज़ादी कभी भी निरपेक्ष नहीं हो सकती।

अगर हम एक समाज में रहते हैं, तो हमारी आज़ादी वहीं खत्म हो जाती है जहाँ दूसरे व्यक्ति की आज़ादी शुरू होती है। यह एक ऐसा मूलभूत सिद्धांत है जो किसी भी सभ्य समाज का नींव होता है। अगर हर कोई केवल अपनी स्वतंत्रता के बारे में सोचेगा, तो वह समाज अराजकता और टकराव का शिकार हो जाएगा।

यह समझना ज़रूरी है कि आज़ादी एक अधिकार होने के साथ-साथ एक ज़िम्मेदारी भी है। अपनी आज़ादी का उपयोग करते समय हमें इस बात का ध्यान रखना होता है कि हमारे कार्यों से किसी और की स्वतंत्रता बाधित न हो।

क्यों निरपेक्ष नहीं हो सकती आज़ादी?

* हम सब एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। मेरी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब यह नहीं है कि मैं किसी को गाली दूँ या उसके सम्मान को ठेस पहुँचाऊँ।

सच्ची आज़ादी दूसरों के विचारों, भावनाओं और अधिकारों का सम्मान करने में निहित है।

अगर हर कोई अपनी मर्जी से काम करने लगे, तो समाज में कोई व्यवस्था नहीं रहेगी। उदाहरण के लिए, हमें सड़क पर बाईं ओर चलने का नियम इसलिए मानना पड़ता है ताकि हम और दूसरे लोग सुरक्षित रहें। यह नियम हमारी यात्रा की स्वतंत्रता को बाधित नहीं करता, बल्कि उसे सुरक्षित बनाता है।

* न्याय और समानता: अगर आज़ादी निरपेक्ष हो, तो शक्तिशाली लोग अपनी आज़ादी का इस्तेमाल कमजोर लोगों को दबाने के लिए करेंगे। एक सीमित

आज़ादी का सिद्धांत यह

सुनिश्चित करता है कि हर व्यक्ति को अपनी क्षमताएँ विकसित करने का समान अवसर मिले, बिना किसी डर के।

सच्ची आज़ादी मनमाने ढंग से काम करने में नहीं है, बल्कि स्वतंत्रता और जिम्मेदारी के बीच संतुलन बनाने में है। यह अपने आप में इतना बड़ा लक्ष्य है कि इसे प्राप्त करना हर किसी की जिम्मेदारी है।

एक ऐसा समाज जहाँ हर व्यक्ति अपनी स्वतंत्रता की सीमा को समझता है, वहीं एक आदर्श समाज होता है। ऐसा समाज ही प्रगति और विकास कर सकता है। अगर हम अपनी स्वतंत्रता की रक्षा करना चाहते हैं, तो हमें दूसरों की स्वतंत्रता का भी सम्मान करना सीखना होगा।

Recent posts