छत्तीसगढ़ कांग्रेस का ‘संगठन सृजन अभियान। ज़मीनी कार्यकर्ताओं को मिलेगा नेतृत्व का अवसर।।
रायपुर 07 अक्टूबर 2025 / तरुण खटकर । कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का महत्वाकांक्षी ‘संगठन सृजन अभियान’ (Organization Creation Campaign) अब गुजरात से निकलकर छत्तीसगढ़ में प्रवेश कर चुका है। इस व्यापक संगठनात्मक बदलाव का उद्देश्य पार्टी में नई ऊर्जा का संचार करना और जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को नेतृत्व की बागडोर सौंपना है।
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी ने नवंबर के पहले सप्ताह तक सभी 41 जिलाध्यक्षों का चयन करने व्यापक योजना बनाई है। इस महत्वपूर्ण प्रक्रिया को गति देने के लिए, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) ने सितंबर के अंतिम सप्ताह में 17 पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की है। इन सभी पर्यवेक्षकों को 41 संगठनात्मक जिलों में ‘संगठन सृजन’ के लिए अलग-अलग ज़िलों की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है।खास बात यह है कि यह पूरी प्रक्रिया केंद्रीय नेतृत्व की देखरेख में होगा।
हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल की उपस्थिति में दिल्ली में पर्यवेक्षकों की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस बैठक में यह निर्णय लिया गया कि दशहरे के बाद सभी पर्यवेक्षक ज़िलों का दौरा करेंगे। वे ज़मीनी कार्यकर्ताओं और वरिष्ठ नेताओं से विस्तृत चर्चा करेंगे और सर्वे के आधार पर छह संभावित नामों का पैनल बनाकर आलाकमान को सौंपेंगे।यह कदम यह सुनिश्चित करता है कि नए नेतृत्व का चुनाव कार्यकर्ताओं की सहमति और भागीदारी से हो।यह अभियान केवल छत्तीसगढ़ तक ही सीमित नहीं है। देश भर में अब तक 274 ज़िलों में संगठन सृजन का कार्य पूरा हो चुका है, जिसके परिणामस्वरूप 144 जिलाध्यक्षों की घोषणा की गई है।पार्टी का दावा है कि नई नियुक्तियों में प्रतिनिधित्व को संतुलित किया गया है, जिससे सामाजिक न्याय को बढ़ावा मिलेगा।
ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग): प्रतिनिधित्व 24% से बढ़कर 33% हुआ।
एससी (अनुसूचित जाति): प्रतिनिधित्व 4% से बढ़कर 12% हुआ।
एसटी (अनुसूचित जनजाति): प्रतिनिधित्व 6% से बढ़कर 12% हुआ।
अल्पसंख्यक: प्रतिनिधित्व 5% से बढ़कर 9% हुआ।
युवा नेतृत्व: 50 साल से कम उम्र के अध्यक्षों की संख्या 51% हो गई है।
कांग्रेस की मंशा है कि यह व्यापक संगठनात्मक प्रक्रिया जल्द से जल्द देश के सभी राज्यों में पूरी कर ली जाए।प्रशिक्षण और आधुनिकीकरण
संगठन को मजबूत और आधुनिक बनाने के लिए, नए जिला और शहर अध्यक्षों के लिए प्रशिक्षण शिविर भी आयोजित किए जा रहे हैं। इन शिविरों में निम्नलिखित महत्वपूर्ण विषयों को शामिल किया गया है:
कांग्रेस विचारधारा: पार्टी के मूल सिद्धांतों को समझना।
बूथ प्रबंधन: ज़मीनी स्तर पर चुनावी रणनीति और क्रियान्वयन।
डिजिटल टूल्स: आधुनिक तकनीक का उपयोग।
फंड रेजिंग: वित्तीय संसाधनों को जुटाने के तरीके।कांग्रेस कार्यकर्ता तरुण खटकर के अनुसार, “यह अब तक का सबसे प्रभावशाली अभियान है। इससे पार्टी में अभूतपूर्व ऊर्जा आएगी और जमीनी कार्यकर्ताओं को नेतृत्व का अवसर मिलेगा । उन्होंने कहा यह ‘संगठन सृजन अभियान’ कांग्रेस को ज़मीनी स्तर पर पुनर्गठित करने, सामाजिक संतुलन स्थापित करने और युवाओं को आगे लाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है, जिसका सीधा श्रेय राहुल गांधी के विजन को जाता है।

संपादक सिद्धार्थ न्यूज़
