December 6, 2025

अंचल में खाद्य की किल्लत से किसान बिचौंलियों से महंगे दामों में खरीदने विवश। सरकारी वितरण प्रणाली पूरी तरह ठप। खाद की कालाबाजारी जोरों पर।

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।। सिद्धार्थ न्यूज से नीलकांत खटकर।।

 

सरसीवां 23 अगस्त 2025 । अंचल के किसान इस समय खाद की किल्लत से जूझ रहे हैं। खाद की भारी किल्लत के चलते किसानों को बिचौंलियों से महंगे और नकली खादए खरीदने को विवश हैं। सरकारी वितरण प्रणाली पूरी तरह से ठप है। इससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो रही है, बल्कि कृषि उत्पादन पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है। किसानों की इस समस्या से जन प्रतिनिधि भी निजात नहीं दिला पा रहें हैं साथ प्रशासन भी निरंकुश नजर आ रही है। इस समय कृषि कार्य में उपयोग होने वाले खाद्य डी ए पी 1700 रु बोरी तो यूरिया 700 – 800 रु बोरी निजी दुकानों में बिक रहा है जबकि सरकारी वितरण केंद्र में इसकी कीमत क्रमशः 1350 रु और 266 रुपए प्रति बोरी तय है लेकिन सोसायटी में यह खाद उपलब्ध नहीं है। इस विषय पर पूछने पर प्रबंधकों का रटा रटाया जवाब मिलता है डिमांड भेज दिए हैं अब तक खाद नहीं आया है।

किसानों ने इस किल्लत पर संबंधित विभाग की उच्च स्तर की मिलीभगत कर कालाबाजारी करने का आरोप लगाया है। किसानों ने निजी दुकानदारों के यहां आसानी से खाद उपलब्ध होने और सरकारी वितरण केंद्र में किल्लत पर सवाल उठाते हुए प्रशासन के इस कार्य प्रणाली पर नाराजगी जताई है। इन्होंने शासन प्रशासन से सरकारी वितरण केंद्र में पर्याप्त खाद उपलब्ध कराने की मांग की है। इस संबंध में मनपसार सोसायटी के सूत्रों के अनुसार पिछले साल 10 गाड़ी यूरिया (5600 बोरी),4 गाड़ी डी ए पी (2240 बोरी) आया था इस साल अब तक यूरिया 3300 बोरी और डी ए पी 1120 बोरी खाद आया है। इस मामले पर मनपसार सोसायटी के प्रबंधक अश्वनी साहू ने बताया कि पिछले साल के मुकाबले इस साल खाद कम मिल रहा है जैसे जैसे खाद हमारे पास आता है वैसे ही किसानों को वितरण कर दिया जाता है।

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