गाजा में इजराइल द्वारा फिलिस्तीनी नागरिकों के जनसंहार को रोकने ,वहां भुखमरी पीड़ितों को तुरंत राहत प्रदान करने और भाजपा शासित राज्यों में दलितों/ उत्पीड़ितों ,अल्पसंख्यकों पर होने वाले अत्याचार के खिलाफ रायपुर में हुआ प्रदर्शन ।
रायपुर,28 जून 2025 । जन संघर्ष मोर्चा छत्तीसगढ़ एवं रायपुर के नागरिकगण, बुद्धिजीवियों ने 27 जून को शाम 5 बजे अम्बेडकर मूर्ति के सामने,रायपुर छत्तीसगढ़ में इजराइल द्वारा फिलिस्तीन की गाजा पट्टी में निरपराध फिलिस्तीनी नागरिकों के भीषण जनसंहार के खिलाफ,इजराइल और अमरीका द्वारा तमाम अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करते हुए ईरान पर आक्रमण के खिलाफ तथा भाजपा शासित प्रदेशों में दलितों/ उत्पीड़ितों,अल्पसंख्यकों( SC,ST,OBC and Minorities ) पर होने वाले अत्याचारों के खिलाफ प्रदर्शन किया । प्रदर्शन में एडवोकेट शाकिर कुरैशी, कॉमरेड सौरा,तुहिन,भजन जांगड़े, रामलाल गुप्ता,कॉमरेड धर्मराज महापात्र,कॉमरेड ओमप्रकाश सिंह,शकील अहमद,हेमंत टंडन, केशव सतनाम,नुमान अकरम ,थान सिंह,दिनेश्वरी,हेमलता सहित कई सामाजिक कार्यकर्ता और बुद्धिजीवीगण उपस्थित थे ।प्रदर्शनकारी एवं जागरूक नागरिकों ने कलेक्टर रायपुर के माध्यम से भारत की माननीया राष्ट्रपति के नाम निम्न ज्ञापन सौंपा –
1) अमरीका के समर्थन से आतंकवादी इजराइल द्वारा गाजा में जारी जनसंहार और नस्लीय सफाया को तुरंत बंद किया जाए और गाजा में भुखमरी से पीड़ित लोगों को राहत प्रदान करने के लिए रास्ता प्रदान किया जावे। संयुक्त राष्ट्र संघ की निगरानी में इजराइल जो गाजा के विनाश के लिए जिम्मेदार है ,वहां पुनर्निर्माण और नागरिकों का पुनर्वास करे।डोनाल्ड ट्रंप या नेतन्याहू नहीं बल्कि फिलिस्तीन की जनता को ही गाजा के शासन की जिम्मेदारी सौंपी जाए।
2) तमाम अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करते हुए ईरान के खिलाफ संचालित अमरीकी और इसराइली बमबारी को तुरंत रोका जाए।
3) हमें युद्ध नहीं शांति चाहिए।अमरीका और इजरायल दोनों विश्व शांति और मानवता के लिए सबसे बड़े खतरे हैं।
4) मोदी सरकार,भारत के लंबे गुट निरपेक्ष नीतियों को ताक पर रख आतंकवादी जियोनवादी इजरायल को राजनैतिक, कूटनीतिक और सामरिक मदद दे रही है।साथ ही मोदी सरकार द्वारा भारत के आड़े समय के मित्र ईरान का साथ न देकर साम्राज्यवादी अमरीका और इजरायल का शर्मनाक रूप से साथ दिया जा रहा है,जो गलत है। इनकी मांग है कि तुरंत भारत सरकार,अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय की राय में युद्ध अपराधी घोषित इजराइल से तमाम राजनैतिक संबंध तोड़ दे और इजराइल में भारतीय मजदूरों को भेजना बंद करे।वहां उनकी जान खतरे में है।
5 ) भारत सरकार सरकार पुनः फिलिस्तीन मुक्ति आंदोलन को राजनैतिक समर्थन प्रदान करे, न कि आतंकवादी जियोनवादी इजरायल को।
6) भाजपा शासित डबल इंजन राज्यों ( उत्तर प्रदेश,ओडिशा,मध्य प्रदेश,राजस्थान,हरियाणा,उत्तराखंड और छत्तीसगढ़) में दलितों उत्पीड़ितों,अल्पसंख्यकों, महिलाओं और आदिवासियों पर हो रहे मनुवादी फासीवादी हमलों को तुरंत रोका जाए। और क्रूर मनुस्मृति नहीं बल्कि भारत के संविधान को सर्वोपरि मानकर जातिवादी दबंगों ,भगवा फासिस्ट गिरोह और दोषी प्रशासनिक अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
7)छत्तीसगढ़ में अडानी सरीखे महाभ्रष्ट कॉरपोरेट घरानों के हित में जल, जंगल,जमीन की लूट बंद हो।हसदेव अरण्य, रायगढ़,बस्तर ,सरगुजा,जशपुर क्षेत्र में प्राकृतिक संसाधनों की लूट का विरोध कर रहे आदिवासी जनता पर सरकारी दमन पर रोक लगे।उपरोक्त क्षेत्रों में आदिवासियों के हितों के संरक्षण के लिए ग्राम सभा के फैसले और पेसा कानून का सख्ती से पालन किया जाए। प्रदर्शन में फिलिस्तीन की पीड़ित जनता के पक्ष में और आतंकवादी जियोनवादी इजरायल तथा अमरीकी साम्राज्यवाद के खिलाफ नारे लगाए गए और क्रांतिकारी गीत प्रस्तुत किए गए। उक्त आशय की जानकारी जन संघर्ष मोर्चा छत्तीसगढ़ के संयोजक मंडल एडवोकेट शाकिर कुरैशी, कॉमरेड सौरा ,तुहिन ने दी।

संपादक सिद्धार्थ न्यूज़
