ठग शिवा द्वारा अर्जित करोड़ो की संपत्तियों पर न्यायिक शिकंजा, शिवा की संपत्तियों की कुर्की नीलामी के लिए कोर्ट ने पारित किया आदेश। अंचल के निवेशकों के लिए राहत भरी खबर।
।। सिद्धार्थ न्यूज से नीलकांत खटकर।।

रायपुर/ बिलासपुर /रायगढ़ / सारंगढ़-बिलाईगढ़ 12 जुलाई 2025 | छत्तीसगढ़ के सबसे हाईप्रोफाइल मामले रायकोना के महाठग शिवा साहू द्वारा 8 महीने में पैसे डबल का खेल किसी से छिपा नही है । जिसमें महाठग ने रकम दुगने करने के नाम पर अपने झांसे में लेकर ग्रामीण क्षेत्र के हजारों निवेशकों से करोड़ो रूपये ठगी कर अकूत संपत्ति बना ली थी । जिसमें शिकायतों के आधार पर थाना सरसींवा ने कार्यवाही करते हुए महाठग के चल अचल संपत्ति को जप्त कर लिया था और शिवा एवं साथियों को सलाखों के पीछे धकेल दिया था । जिसमे न्यायलय ने ऐतिहासिक कार्यवाही करते हुए निवेशकों को राहत पहुचाने हेतु कुर्की आदेश पारित किया है । उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ की न्यायिक परिपाटी में एक ऐतिहासिक निर्णय की पुनरावृत्ति करते हुए, विशेष न्यायालय ने अवैध रूप से संचालित “शिवा विथ जरनी” नामक वित्तीय संस्थान के मार्फत किए गए करोड़ों की ठगी के विरुद्ध धारा 7 (2) छत्तीसगढ़ निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम, 2005 के तहत एक निर्णायक आदेश पारित किया है। न्यायालय ने आरोपीगण की चल-अचल संपत्तियों को कुर्क कर उनकी नीलामी की विधिक स्वीकृति प्रदान की है, जिससे पीड़ित निवेशकों को उनके खून-पसीने की गाढ़ी कमाई की आंशिक प्रतिपूर्ति मिल सके।
प्रकरण थाना सरसीवां अंतर्गत अपराध क्रमांक 131/2024 से संबद्ध है, जिसमें शिवा साहू एवं उसके सहयोगियों द्वारा एक सुनियोजित वित्तीय षड्यंत्र रचकर लगभग 270 निवेशकों से 30 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की गई। “शिवा विथ जरनी” के नाम पर निवेशकों को क्रिप्टोकरेंसी एवं शेयर मार्केट में निवेश पर 30% मासिक लाभ तथा 8 माह में राशि दुगनी करने का प्रलोभन दिया गया। विश्वास की इस साजिश ने आम जनमानस की जीवनभर की पूंजी को गर्त में ढकेल दिया।महाठग के पिता टीकाराम साहू द्वारा पूर्व में सम्पत्तियों को गिरवी रखकर रकम अदा करने की स्वीकृति दी गई थी, जो न्यायालय के विचार में स्वेच्छा से की गई स्वीकारोक्ति थी। अनावेदकों का यह तर्क कि उन्हें नोटिस या सुनवाई का अवसर नहीं मिला, न्यायालय ने अस्वीकार्य मानते हुए स्पष्ट किया कि उन्हें पूर्ण अवसर प्रदान किया गया था। कुर्क संपत्तियों की सूची एवं विवरण – न्यायालय ने टीकाराम साहू, उसकी पत्नी चन्द्रकला साहू, एवं कु. रीतू साहू के नाम से पंजीकृत विस्तृत चल एवं अचल सम्पत्तियों को नीलामी हेतु चिन्हित करते हुए आदेश पारित किया। इनमें शामिल हैं:लग्ज़री वाहन: BMW, Mahindra Thar, Mini Bus, JCB, ट्रैक्टर्स आदि। जमीन/ प्लॉट में रायकोना, डुरुमगढ़, मनपसरा, सोहागपुर, टाटा, छिरचुंआ, सरसींवा इत्यादि क्षेत्रों की दर्जनों भूमि संपत्तियाँ ।उल्लेखनीय है कि इन सम्पत्तियों का न्यायिक मूल्यांकन और नीलामी की प्रक्रिया निष्पक्षता व पारदर्शिता से संचालित की जाएगी, जिससे न्याय के सिद्धांतों की गरिमा अक्षुण्ण बनी रहे। यह आदेश उस सामाजिक चेतना और विधिक सजगता का प्रमाण है, जो आमजन की मेहनत की पूंजी को संरक्षित करने हेतु शासन और न्यायपालिका का संयुक्त प्रयास दर्शाता है। वित्तीय अपराधों में पारिवारिक सदस्यों के नाम पर अर्जित संपत्ति को भी यदि उसके स्रोत संदेहास्पद हों, तो विधि की कठोर दृष्टि उन्हें भी अपने घेरे में ले सकती है—यह इस निर्णय का विवेचक पक्ष है।
न्यायालय ने स्पष्ट किया कि संपत्तियों की नीलामी से प्राप्त राशि को विधिवत जांच उपरांत पात्र निवेशकों में वितरित किया जाएगा, जिससे पीड़ितों को न्याय की वास्तविक अनुभूति हो। यह प्रकरण महज़ एक आर्थिक अपराध नहीं, अपितु विश्वासघात की पराकाष्ठा है। एक ओर जहां भोली-भाली जनता ने अपने जीवन की गाढ़ी कमाई को भविष्य के सुरक्षित सपनों हेतु निवेश किया, वहीं दूसरी ओर अपराधियों ने लालच, छल और साजिश के बलबूते उन सपनों को चकनाचूर कर दिया।न्यायालय का यह आदेश न केवल इन अपराधियों के विरुद्ध कड़ा संदेश है, बल्कि राज्य के प्रत्येक नागरिक को यह संकेत भी है कि न्याय देर से सही, पर अंधा नहीं होता। जब देश भर में आर्थिक अपराधों की संख्या बढ़ रही है, तब इस तरह की प्रक्रिया न केवल कानूनी उपकरण है, बल्कि विश्वास का स्तंभ भी है। अब देखना यह है कि निवेशकों की कितनी कितनी रकम वापस मिलेगी।

संपादक सिद्धार्थ न्यूज़
