June 27, 2025

जनता पुराने समय को न भूलें, चुने गए प्रतिनिधियों ने उसके साथ कैसे खिलवाड़ किया है लुटा है,विकास के नाम पर भ्रष्टाचार किया है इस बार सबक सिखाने का समय आ गया है। मतदाता कह रहे हैं पैसा, दारू,मुर्गा सबसे लेंगे वोट अपने मन से करेंगे आइए पढ़िए चुनावी खबर ,,,,,,,,,,,,,,।

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।। विशेष त्रि स्तरीय पंचायत चुनाव 2025 ।।

संपादकीय नीलकांत खटकर।। क्रमशः,,,,,,।

रायपुर / बिलासपुर / सारंगढ़ बिलाईगढ़ ,, 08 फरवरी 2025 । इस समय पूरे प्रदेश में नगरीय,जिला पंचायत,जनपद पंचायत और ग्राम पंचायतों में प्रतिनिधि बनने उम्मीदवार चुनावी मैदान में कूद गए हैं। शहर,नगर और ग्राम पंचायतों में चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है। यहां हर कोई पंचायत में बैठने ,पैठ जमाने , कुर्सी हथियाने तरह तरह के उपाय लगा रहे हैं। ये उम्मीदवार मतदाताओ से मत हासिल करने कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। उम्मीदवार अधिक से अधिक मत पाने और जीत हासिल करने के लिए एड़ी चोटी एक कर दिए हैं दिन रात प्रचार प्रसार में जुटे हुए हैं। एक पद के लिए दर्जनों दर्जनों उम्मीदवार मैदान में उतरे हैं मतदाताओ को रिझाने के लिए दारू,मुर्गा,बकरा,पैसा और समान बांटना शुरू कर दिए हैं लेकिन जीतना तो एक ही को है।ऐसे में आम मतदाताओं के मन में सवाल उठ रहे हैं कि किसको अपना समर्थन दें किसको अपना बहुमूल्य वोट दे। चुनावी मैदान में हर से वाकिफ हैं , परिचित हैं,रिश्ते नाते जुड़े हुए हैं कोई मित्र है तो कोई रिश्तेदार है तो कोई अपने पार्टी के कार्यकर्ता हैं।

जनता पुराने समय को न भूलें, उनके साथ पंचायत प्रतिनिधियों ने कैसे खिलवाड़ किया था , लुटा है,विकास के नाम पर भ्रष्टाचार किया है इस बार सबक सिखाने का समय आ गया है। इस वक्त आम मतदाता अपना असली प्रतिनिधि चुनने में कश्मकश और भ्रम की स्थिति में है। मत देने के पहले एक बार सोच विचार कर लेना चाहिए कि कौन उम्मीदवार विकास करेगा और कौन शहर ,नगर , गांव को डुबाएगा। किसी ऐसे उम्मीदवार का चयन करें जो वाकई में विकास में भागीदारी दें सके,भेदभाव और भाई भतीजावाद छोड़ सबकी मदद करने वाला हो, वह और उसके प्रतिनिधि पति नशेड़ी ,शराबी न हो,पिछले कार्यकाल में पंचायत की राशि का गबन न किया हो, कोई घोटालेबाजी न किया हो, स्वभाव सरल, सुगम , मिलनसार हो जो पहले के कार्यकाल में गलियों की नालिया की नियमित साफ सफाई किया हो। मत देने के पहले एक बार विचार कर लें कि जिनको आप वोट करने जा रहे हैं क्या वह चुनने के बाद खरा उतरेगा,शहर,नगर और ग्राम विकास में अपनी भागीदारी देगा या पिछले कार्यकालों की तरह फिर से विकास के नाम पर जनता और शासन के पैसों का बंदरबांट करेगा। इस बीच मैंने चुनावी माहौल में पड़ताल करने कुछ जगह गया तो जानकारी मिली कि इस बार लोग अपने मन से अपने मत का उपयोग करेंगे। कहा जा रहा है सबसे पैसा,दारू,मुर्गा लेंगे और वोट अपने मन से करेंगे और जो वाकई में नगर,गांव के विकास में अपना महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में सक्षम होंगे उन्हें वोट करेंगे कहा। पंचायत चुनाव में आम जनता ने बताया कि पार्टी के सिंबल को देखकर वे वोट नहीं करेंगे ,उम्मीदवार के पिछला कार्यकाल, स्वभाव और अच्छे आचरण को देखकर वे वोट करेंगे।

आपको बता दें कि इस बार के चुनाव में अधिकांश सीटें अनारक्षित मुक्त है जिसके कारण हर वर्ग के उम्मीदवार मैदान में उतरे हुए हैं। जिस वर्ग से ज्यादा उम्मीदवार होंगे उनके वोटों के बंटने से वे हारेंगे और जिस वर्ग के गिने चुने उम्मीदवार मैदान में होंगे उस वर्ग से जीत हासिल करेंगे। भले ही राज्य निर्वाचन आयोग और प्रशासन ने आरक्षण के हिसाब से वर्गीकरण कर आरक्षित सीटें निर्धारती न किया हो लेकिन यह तो निश्चित है कि इस बार सबसे ज्यादा ओबीसी और सामान्य वर्ग से अधिक से अधिक प्रतिनिधि चुनकर आ रहे हैं।

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