भारतीय राजनीति से जुड़े अहम सवाल…….? राजनीति का अपराधीकरण एक बड़ी चुनौती,, राजनीतिक दल अपराधीकरण को लेकर सचमुच गंभीर , तो दलों के नेतृत्व को अब राजनीतिक सुचिता पर बल देना चाहिए….. तरुण खटकर।

।अतिथि संपादक तरुण खटकर की कलम से पढ़िए खबर।
नई दिल्ली / रायपुर छ ग 23 फरवरी 2025 । हाल ही में सामने आई एक गैर सरकारी रिपोर्ट बताती है कि मौजूदा 4,835 सांसद – विधायकों में 31 फीसदी के खिलाफ आपराधिक मामले है। 2009 से 2024 तक गंभीर आपराधिक सांसदों की संख्या में 124% बढ़ी है
नए 543 सांसदों में से 251 पर क्रिमिनल केस है यानी लगभग आधे सासंदों पर केस है। एक रिपोर्ट अनुसार… वर्षवार दांगी सांसदों की संख्या।
2009 में 162
2014 में 185
2019 मे 233
2024 मे 251
भारत में राज्यों के अनुसार लोक सभा एवं राज्य सभा सांसदों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले है।
देश में प्रमुख राजनीतिक दलों के सैकड़ों सांसद दागी हैं ।
5 सालों में 30 राज्यों के विधानसभा चुनाव में केन्द्र और राज्यों के प्रमुख राजनीतिक दलों ने 7 हजार 481 दागी उम्मीदवार उतारे इनमें से 1476 जीते।
5 नेता ऐसे जिन पर सबसे ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं
1/ के सूंधरम -केरल- भाजपा से 248 केस दर्ज
2/के एस राधाकृष्णन -केरल -भाजपा से 211 केस दर्ज
3/ए एन राधाकृष्णन – केरल -भाजपा से 178 केस दर्ज
4/एस काथिरवान -तमिलनाडु -डीएमके से 99 केस दर्ज
5/ आजम खान -उत्तर प्रदेश सपा से 87 केस दर्ज
इन आंकड़े अनुसार हर तीन में से एक सांसद -विधायक आपराधिक मामलों में फंसा है। इनमें 641ऐसे माननीय है,जिनके खिलाफ हत्या, बलात्कार, अपहरण,लुट, फिरौती,मनी घोटाले जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं। …ऐसे में रोज सामने आते घोटाले और जेल जाते नेता शायद ही साफ सुथरी छवि, अच्छे व्यक्तित्व के युवाओं को राजनीति में आने के लिए प्रेरित करे। अगर हर राजनीतिक दल अपराधीकरण को लेकर सचमुच गंभीर है तो राजनीतिक दलों के नेतृत्व को राजनीतिक शुचिता पर बल देना चाहिए।

संपादक सिद्धार्थ न्यूज़