शासन प्रशासन के सुस्त रवैए और निष्क्रियता से चिटफंड पीड़ितों को नहीं मिल पा रहा है पैसा वापस। राज्य सरकार यदि नियमों में बदलाव कर दे तो कई दर्जन चिटफंड कंपनियों की सम्पत्ति नीलामी हो जाएगी।

।। सिद्धार्थ न्यूज से नीलकांत खटकर।।
रायपुर 26 मार्च 2025 । छत्तीसगढ़ राज्य में भाजपा की पूर्ण बहुमत से सरकार बन गई है।भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में चिटफण्ड के पीड़ितों को राशि देने का वादा किया है जिसके मुताबिक चिटफंड के निवेशकों ने भाजपा को वोट देकर विजयी बनाई।अब जनता भाजपा की सरकार से चिटफंड में फंसी रकम जल्द प्रदान करने की मांग कर रही है। बता दें कि पिछली कांग्रेस की सरकार ने करीब 30 से ज्यादा चिटफंड कंपनियों की संपत्ति की नीलामी कर पीड़ितों को पैसा वापस किया हाला की उन्हें पूरी राशि नहीं मिली। अधिकांश निवेशकों ने ऐसी चिटफंड कंपनियों में राशि जमा किए हुए हैं जिनकी न तो राज्य में कोई सम्पत्ति है न बाहर राज्य में संपत्ति है लेकिन ऐसी बहुत सी चिटफंड कंपनियां की संपति राज्य के कई जिलों में है लेकिन कोर्ट द्वारा अंतरिम आदेश जारी नहीं किए जाने से नीलामी की कार्यवाही नहीं हो पा रही है। चिटफंड पीड़ितों ने कहा कि यदि सरकार सच में पीड़ितों को राशि वापस देना चाहती है तो चिटफंड कंपनियों की सम्पत्ति नीलामी के नियमों में बदलाव करें जिससे पीड़ितों को आसानी से उनके पैसे वापस किए जा सकें। पीड़ितों ने राज्य के भाजपा सरकार से नीलामी प्रक्रिया में बदलाव करने की मांग की है। इन्होंने कहा कि अभी वर्तमान में चिटफंड के मामले जो जिला कलेक्टर के अंतःकालीन आदेश के बाद अंतरिम आदेश के लिए जिला सत्र न्यायालय में जाते हैं वहां काफी समय लग रहे हैं। राज्य सरकार राज्य के सभी जिलों के कलेक्टर को 3 माह में अंतःकालीन आदेश जारी कर चिटफंड कंपनियों की सम्पत्ति नीलाम कर पीड़ितों को उनका पैसा वापस देने का फैसला लिया जाएं इससे राज्य के हजारों पीड़ितों को उनका पैसा आसानी से वापस मिल सकेगा।
एक चिटफंड कंपनी की संपत्ति इस कारण नीलामी नहीं हो रही है जहां न्यायालय से आरोपियों को बीते 2 साल से 7 बार से ज्यादा समन भेज रहें हैं- जिला सत्र न्यायालय रायपुर में रुचि रियल स्टेट चिटफंड कंपनी का 2 साल से मामला चल रहा है यह मामला जिला कलेक्टर न्यायालय रायपुर से अंतःकालीन आदेश के बाद अंतरिम आदेश के लिए जिला सत्र न्यायालय रायपुर आया है लेकिन बीते 2 साल से सरकारी वकील और कोर्ट बाबू कंपनी के आरोपियों के लिए लगातार और बार बार समन जारी कर मामले को जानबूझकर लंबित रखा जा रहा है इस मामले के जानकार सूत्र बताते हैं ऐसे मामले पर संबन्धित को केवल 3 बार समन भेजा जाता है यदि समय पर वे उपस्थित नहीं होते हैं तो अखबार के माध्यम से इश्तहार जारी कर अंतिम फैसला लिया जाता है लेकिन जिला न्यायालय रायपुर के सरकारी वकील और बाबू माननीय न्यायालय को अंधेरे में रखते हुए बीते 2 साल से चिटफंड के आरोपियों के पते पर 7 से 9 बार समन भेज चुके हैं और समन भेजने का सिलसिला आज भी जारी है इससे न्यायालय की कार्यवाही पर अब सवाल उठने लगे हैं। इस मामले पर पीड़ितों ने कोर्ट के सरकारी सूत्रों पर संबंधित आरोपी की संपत्ति को बचाने का आरोप लगाया है। इन सभी समस्याओं को देखते हुए चिटफंड पीड़ितों ने राज्य सरकार से नीलामी प्रक्रिया में सत्र न्यायालय के स्थान पर इसकी सुनवाई जिला कलेक्टर न्यायालय से कराने की मांग की है।

संपादक सिद्धार्थ न्यूज़