बहुजन समाज पार्टी (बी.एस.पी.) की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सासंद कु. मायावती ने मीडिया को सम्बोधित किया।

।। सिद्धार्थ न्यूज से नीलकांत खटकर।।
लखनऊ 17 मार्च 2025 । आज सोमवार दोपहर को बहुजन समाज पार्टी (बी.एस.पी.) की राष्ट्रीय अध्यक्ष ,उत्तर प्रदेश की चार बार रहीं मुख्यमंत्री व पूर्व सासंद कु. मायावती ने यहाँ मीडिया को सम्बोधित किया। जिसका मूल अंश इस प्रकार से है मीडिया बन्धुओं जैसा कि विदित है कि इस बार बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक एवं जन्मदाता मान्यवर कांशीराम जी की जयन्ती को होली व अन्य त्योहारों के कुछ ही घन्टे बीत जाने के बाद दिनांक 15 मार्च को खासकर यू.पी. व दिल्ली सहित पूरे देश में इनके अनुयायियों ने अपार संख्या में इकट्ठा होकर इसे विभिन्न स्तर पर मनाया है जिसके लिए पार्टी उनकी अति आभारी है। साथ ही होली सहित अन्य विभिन्न त्योहारों के बीच इस बार मान्यवर श्री कांशीराम जी की जयन्ती जिस अति उत्साह व जोश के साथ मनाकर उनके अनुयायियों ने अपनी पार्टी को हर स्तर पर मजबूत बनाने का तथा उनकी एकमात्र उत्तराधिकारी व पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष का अपने पूरे तन, मन, धन से साथ देने का जो संकल्प लिया है तो उसने पार्टी को मजबूती देने के लिए मेरे हिम्मत व हौंसले को कई गुना ओर ज्यादा बढ़ा दिया है, जिसे मैं अभी तक की तरह, आगे भी अपने जीते जी अपने व्यक्तिगत तथा भाई-बहिन व रिश्ते-नातों आदि के स्वार्थ में कभी भी कमजोर नहीं पड़ने दूँगी।
वैसे भी मेरे भाई-बहिन व अन्य रिश्ते-नाते आदि मेरे लिए केवल बहुजन समाज का ही एक अंग है उसके सिवाय कुछ भी नहीं है। इसके इलावा, पार्टी व मूवमेन्ट के हित में बहुजन समाज के जो भी लोग अपनी पूरी ईमानदारी व निष्ठा से कार्य करते हैं तो उन्हें पार्टी में जरूर आगे बढ़ने का मौका दिया जायेगा और इस मामले में मेरे रिश्ते-नाते आड़े नहीं आयेंगे। यहाँ मैं सावधानी के तौर पर यह भी बताना चाहूँगी कि पिछले कुछ वर्षों से सत्ता व विपक्ष में बैठी सभी जातिवादी, साम्प्रदायिक व पूँजीवादी पार्टियाँ बी.एस.पी. के विरुद्ध अन्दर अन्दर आपस में मिलकर बहुजन समाज की एकमात्र हितेषी पार्टी बी.एस.पी. को किस्म किस्म के हथकण्डों के जरिये इसे कमजोर करने की पूरी-पूरी कोशिश में लगी हैं, क्योंकि यहाँ जातिवादी पार्टियों को ख़ासकर सन् 2007 में यू.पी. में बी.एस.पी. का अकेले ही पूर्ण बहुमत के आधार पर सत्ता में आना अभी तक भी उनके गले के नीचे से कतई भी नहीं उतर पा रहा है और तभी से यहाँ सभी जातिवादी व खासकर दलित विरोधी पार्टियाँ किस्म किस्म के हथकण्डे इस्तेमाल करके बी.एस.पी. को कमजोर व खत्म करने में लगी हैं।
इसी प्रकार, बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के जीते जी भी इन्हीं जातिवादी पार्टियों ने इनके कारवाँ को किस्म किस्म के हथकण्डे इस्तेमाल करके उसे कमजोर व खत्म करने का पूरा-पूरा प्रयास किया था जिसे बाबा साहेब ने व बाद में मान्यवर श्री कांशीराम जी ने भी इनके मनसूबों को पूरा नहीं होने दिया है और अब मैं भी अपने बहुजन समाज के बलबूते पर इनके इस मनसूबें को किसी भी कीमत पर पूरा नहीं होने दूँगी। यह मेरा पार्टी के लोगों को पूरा वायदा है। जिसके लिए मुझे अपने बहुजन समाज का हर स्तर पर साथ मिलना (देना) भी बहुत जरूरी है। इतना ही नहीं बल्कि दलित व अन्य उपेक्षित वर्गों के लोगों को यह मालूम है कि ये लोग यूपी में बी.एस.पी. की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने से पहले यहाँ जातिवादी उच्च वर्गों के लोगों के सामने ना तो चारपाई पर बैठ सकते थे और ना ही उनकी बराबर की कुर्सी पर भी बैठने की हिम्मत जुटा सकते थे। लेकिन सन् 2007 में बी.एस.पी. की अकेले पूर्ण बहुमत की सरकार बनने के बाद से यह सब अब काफी कुछ बदल गया है। अब ये लोग उनके बराबर में चारपाई व कुर्सी आदि पर भी पूरे सम्मान के साथ बैठ सकते है। यही ही वास्तव में यहाँ सही “सामाजिक परिवर्तन” (Social Transformation) जिसे मेरे नेतृत्त्व में बनी बी.एस.पी. की सरकार ने लाया है जिससे यहाँ यू.पी. में हमारे सन्तों, गुरुओं व महापुरुषों का काफी हद तक सपना साकार हुआ है जिसकी वास्तव में पूरी देन मान्यवर श्री कांशीराम जी की है और यह सब यहाँ समाज में परिवर्तन लाने के मामले में इतिहास के पन्नों में जरूर लिखा जायेगा। इसके साथ ही, बी.एस.पी. की सरकार ने ही यहाँ यू.पी. में इन वर्गों के लोगो को काफी हद तक अपने पैरों पर खड़ा किया है। अपने सन्तों, गुरुओं व महापुरुषों को भी विभिन्न स्तर पर पूरा-पूरा आदर सम्मान दिया गया है जिसे लोग कभी भी नहीं भूला पायेंगे। लेकिन यह सब यहाँ सभी जातिवादी पार्टियों के गले के नीचे से अभी तक भी नहीं उतर पा रहा है। इसीलिए अब वे इन वर्गों में से स्वार्थी किस्म के लोगों को आगे करेंगे जिससे हम सबको सावधान रहना होगा।

संपादक सिद्धार्थ न्यूज़