बोरे बासी: छत्तीसगढ़ की संस्कृति और श्रम के सम्मान का जीवंत प्रतीक- तरुण खटकर।

।। सोशल एक्टिविस्ट तरुण खटकर की कलम से।।
रायपुर 01 मई 2025 । छत्तीसगढ़ अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और मेहनती लोगों के लिए जाना जाता है। यहाँ की मिट्टी में परंपराओं की खुशबू रची बसी है और यहाँ के लोगों के दिलों में अपनी संस्कृति के प्रति गहरा सम्मान है। यहा बोरे बासी दिवस, जो न केवल एक पारंपरिक व्यंजन का उत्सव है बल्कि छत्तीसगढ़ की श्रम संस्कृति और किसानों के प्रति कृतज्ञता का भी प्रतीक है। बोरे बासी, हमारे छत्तीसगढ़ का एक पारंपरिक और पौष्टिक भोजन है। यह व्यंजन सदियों से छत्तीसगढ़ के लोगों के जीवन का अभिन्न अंग रहा है, खासकर किसानों और श्रमिकों के लिए, जो इसे दिनभर के कठिन परिश्रम के बाद ऊर्जा प्राप्त करने के लिए खाते हैं। बोरे बासी दिवस का महत्व केवल एक भोजन का उत्सव नहीं है, बल्कि यह कई महत्वपूर्ण मूल्यों को दर्शाता है:
* श्रम का सम्मान: बोरे बासी उन मेहनती किसानों और श्रमिकों का मुख्य भोजन रहा है जो खेतों और अन्य कार्यों में अथक परिश्रम करते हैं। इस दिवस को मनाना उनके योगदान और श्रम के प्रति सम्मान व्यक्त करने का एक तरीका है।
* सादा जीवन और प्रकृति से जुड़ाव: बोरे बासी एक सरल और प्राकृतिक भोजन है, जो छत्तीसगढ़ के लोगों के सादे जीवनशैली और प्रकृति से उनके गहरे जुड़ाव को दर्शाता है। यह हमें सिखाता है कि कैसे साधारण चीजें भी पौष्टिक और संतोषजनक हो सकती हैं।
* सामुदायिक एकता: बोरे बासी दिवस अक्सर सामुदायिक स्तर पर मनाया जाता है, जहाँ लोग एक साथ मिलकर यह पारंपरिक भोजन करते हैं और लोकगीत व नृत्य का आनंद लेते हैं। यह सामाजिक सद्भाव और एकता की भावना को बढ़ावा देता है।
* संस्कृति का संरक्षण: यह दिवस छत्तीसगढ़ की अनूठी खाद्य संस्कृति को जीवित रखने और अगली पीढ़ी तक पहुँचाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। यह हमें अपनी जड़ों से जोड़े रखता है और हमारी सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करता है।
उत्सव का रंग : बोरे बासी दिवस छत्तीसगढ़ में बड़े उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है। इस दिन लोग सुबह बोरे बासी खाते हैं और एक-दूसरे को इसकी बधाई देते हैं। कई स्थानों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें पारंपरिक लोक नृत्य और संगीत प्रस्तुत किए जाते हैं। कुछ क्षेत्रों में, लोग पारंपरिक वेशभूषा पहनकर रैलियों और जुलूसों में भी भाग लेते हैं। यह दिन छत्तीसगढ़ की जीवंत संस्कृति और लोगों के मिलनसार स्वभाव का एक सुंदर उदाहरण प्रस्तुत करता है।
निष्कर्ष : बोरे बासी दिवस छत्तीसगढ़ की आत्मा का प्रतीक है। यह हमें हमारी जड़ों से जोड़ता है, हमें श्रम का महत्व सिखाता है, और हमें सामुदायिक एकता के सूत्र में बांधता है। यह सिर्फ एक भोजन नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति, परंपरा और मूल्यों का एक जीवंत उत्सव है, जो हमें याद दिलाता है कि सादगी में ही सच्ची खुशी और शक्ति निहित है। यह दिवस छत्तीसगढ़ के मेहनती लोगों के प्रति हमारी कृतज्ञता व्यक्त करने और अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संजोए रखने का एक सुंदर अवसर है।

संपादक सिद्धार्थ न्यूज़