स्वच्छ पेयजल के अधिकार की हुंकार: पेंड्रावन से सरसीवा तक पदयात्रा।

सरसीवां/ सिद्धार्थ न्यूज / नीलकांत खटकर, 26 जून 2025 । सरसीवा क्षेत्र के ग्रामीण अंचलों चारभाठा,कोट, बालपुर,सरधाभाठा,बलौदी, पंडरीपाली जैसे अनेकों गांव में स्वच्छ पेयजल की कमी एक गंभीर समस्या बनी हुई है जिसे सरकार के ध्यान में लाने के लिए छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस असंगठित क्षेत्र समस्या निवारण प्रकोष्ठ ने 25 जून को एक अभूतपूर्व आंदोलन का आगाज किया प्रदेशाध्यक्ष मोहम्मद सिद्दिकी की उपस्थिति मे प्रदेश महासचिव रेशमलाल अजय के सशक्त नेतृत्व में पेंड्रावन से सरसीवा तक की यह पदयात्रा, महज कुछ किलोमीटर का फासला नहीं, बल्कि उन हजारों वंचितों की आवाज़ है जो आज भी जीवन के इस मूलभूत अधिकार से वंचित हैं। यह आंदोलन ‘नल जल योजना’ के खोखले दावों को चुनौती देता हुआ, हर घर तक शुद्ध पानी पहुंचाने की मांग कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार की ‘हर घर नल से जल’ योजना प्रशंसनीय है, पर इसकी जमीनी हकीकत निराशाजनक है। कई गांवों में या तो नल लगे ही नहीं, या पानी आता नहीं, या फिर जो पानी आता है वो पीने लायक नहीं होता। इन्हीं विसंगतियों से जूझते हुए, असंगठित क्षेत्र समस्या निवारण प्रकोष्ठ ने ग्रामीणों को संगठित किया। मोहम्मद सिद्दिकी और रेशमलाल अजय ने यह समझा कि जब तक लोग खुद आगे नहीं आएंगे, यह समस्या बनी रहेगी। उनकी प्रेरणा से, इस पदयात्रा का आगाज हुआ, जिसने लोगों में अपने अधिकारों के प्रति एक नई चेतना जगाई।
यह पदयात्रा पेंड्रावन से शुरू होकर सरसीवा में समाप्त हुआ यात्रा के दौरान, सिद्दिकी और रेशम अजय की अगुवाई में कार्यकर्ता और ग्रामीण नुक्कड़ सभाएं और चौपाल लगाकर लोगों को स्वच्छ पेयजल के महत्व, उनके संवैधानिक अधिकारों और इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए एकजुट होने की आवश्यकता के बारे में जागरूक किया। वे स्थानीय प्रशासन और सरकार का ध्यानाकर्षण किया कि ‘नल जल योजना’ को केवल कागजों पर नहीं, बल्कि धरातल पर प्रभावी ढंग से लागू किया जाए। उनकी स्पष्ट मांग है कि हर घर तक स्वच्छ, पर्याप्त और गुणवत्तापूर्ण पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। इस पदयात्रा के पीछे ठोस मांगें हैं: 1/सरसीवा अंचल के हर घर तक नल से जल पहुंचे 2/ ‘नल जल योजना’ के तहत हर घर में कार्यशील नल कनेक्शन हों। 3/नलों में आने वाला पानी न सिर्फ पीने योग्य हो, बल्कि उसकी आपूर्ति भी निर्बाध और पर्याप्त मात्रा में हो 4/योजना के क्रियान्वयन में पूर्ण पारदर्शिता बरती जाए और किसी भी प्रकार की अनियमितता पर कड़ी कार्रवाई हो। लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और एजेंसियों की जवाबदेही तय की जाए।
यह पदयात्रा केवल एक विरोध प्रदर्शन नहीं है, बल्कि यह सरकार और प्रशासन पर एक नैतिक दबाव डाल रही है। मोहम्मद सिद्दिकी और रेशमलाल अजय के नेतृत्व में, इसने स्थानीय समुदायों में अपने अधिकारों के प्रति एक अभूतपूर्व जागरूकता पैदा की है। ग्रामीण अब अपनी समस्याओं को खुलकर सामने रख रहे हैं और समाधान के लिए एकजुट हो रहे हैं। यह आंदोलन इस बात का प्रमाण है कि कैसे जमीनी स्तर पर ईमानदार प्रयास, मूलभूत सुविधाओं से वंचित लोगों को उनका हक दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उनकी प्रेरणा और अथक कार्य इस आंदोलन को एक जनक्रांति का रूप दे रहे हैं।असंगठित क्षेत्र समस्या निवारण प्रकोष्ठ का यह ‘नल जल आंदोलन’ छत्तीसगढ़ के लिए एक मिसाल बन रहा है। मोहम्मद सिद्दिकी और रेशमलाल अजय के मजबूत नेतृत्व में, यह उम्मीद की जाती है कि सरकार इस आंदोलन की गंभीरता को समझेगी और जल्द ही प्रभावी कदम उठाएगी। जब तक पेंड्रावन से सरसीवा तक और अंचल के हर कोने में प्रत्येक व्यक्ति को स्वच्छ पेयजल का अधिकार नहीं मिल जाता, तब तक यह लड़ाई जारी रहेगी। यह सिर्फ पानी का नहीं, बल्कि सम्मान और न्याय का संघर्ष है।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से प्रिआंशु जांगड़े, नरेन्द्र खटकर,अजय यादव, मोतीलाल, शांति श्रीवास,गौरी खुटे, नवीन अजय, राजेन्द्र अजय गोलु खान सहित सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल हुए।

संपादक सिद्धार्थ न्यूज़